शनिवार, 5 मार्च 2011

माँ


तेरे हाथों की थपकियाँ,
तेरा वो लोरियाँ सुनाना,
एक बीते जमाने की बातें,
एक गुजरा जमाना.......
कुछ याद आते लम्हे ,
एक याद आती दास्तान.....
क्या मैने किया ,
क्या तूने किया माँ.....
वो तेरा रात भर जागना,
वो मेरा तुझे जगाना...
लौट ना आएंगे वो पल,
पर मुझे याद रहेंगे सारा जमाना.....

तेरे कदमों के तले,
मेरा वो लड़खड़ाना ,
गिर के फिर से उठना,
तुझे फिर पुकारना,
याद आता है माँ
वो बीता गुजरा जमाना.......
मैने जो ना कहा,
तेरा वो समझ जाना....
याद आती हैं माँ
तेरे हाथों की थपकियाँ
तेरा वो लोरियां सुनाना

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