बस आज की रात और ,
इन बर्तनों को बिना खनक के सोने दो
कल के दिन तक ,
तुम्हारे हाथों में एक नयी साड़ी होगी
जो पसंद आई थी तुम्हे,
जब तुम सूट लेने गयी थी,
हाँ,वही रंग, फबता भी है तुम पे
जो रंग तुमने बता रखा है,
शायद कुछ सेलरी अडवांस में मिल जाये,
मैने बॉस को पटा रखा है
अंशुमन
इन बर्तनों को बिना खनक के सोने दो
कल के दिन तक ,
तुम्हारे हाथों में एक नयी साड़ी होगी
जो पसंद आई थी तुम्हे,
जब तुम सूट लेने गयी थी,
हाँ,वही रंग, फबता भी है तुम पे
जो रंग तुमने बता रखा है,
शायद कुछ सेलरी अडवांस में मिल जाये,
मैने बॉस को पटा रखा है
अंशुमन
1 टिप्पणियाँ:
rozmarraa kee baat magar kitnee keematee.bahut khoob.
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