आइना धुंधला गया , या ज़माने की चमक में हम में कुछ कमी सी है
तराशा खुद को इतनी बार , कि अब वक़्त की धार में कुछ कमी सी है
लोग कहते है , मिलता नहीं हर किसी को मुकम्मल जहान ,
तराशा खुद को इतनी बार , कि अब वक़्त की धार में कुछ कमी सी है
लोग कहते है , मिलता नहीं हर किसी को मुकम्मल जहान ,
मगर "अंशुमन" , अब इस जहान को जीतने की कशिश में कुछ कमी सी है
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